हम सभी को मिलकर अगले 10 सालों में देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करना होगा: प्रधानमंत्री मोदी

हम सभी को मिलकर अगले 10 सालों में देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करना होगा: प्रधानमंत्री मोदी

Prime Minister Narendra Modi

Prime Minister Narendra Modi

नई दिल्ली : Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोगों से अगले 10 सालों में देश को गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह आजाद होने की अपील की. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आज हर क्षेत्र औपनिवेशिक मानसिकता को त्याग रहा है और गर्व के साथ नई उपलब्धियों की ओर अग्रसर है. उन्होंने ये भी कहा कि जब भारत दो-तीन फीसदी की विकास दर के लिए संघर्ष कर रहा था, तब हिंदू विकास दर शब्द का इस्तेमाल किया गया था.

उन्होंने कहा, "भारत में मानसिक गुलामी के बीज बोने वाली मैकाले की नीति 2035 में 200 वर्ष पूरे कर लेगी. इसका मतलब है कि अभी 10 साल शेष हैं. इसलिए इन्हीं 10 सालों में हम सभी को अपने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने के लिए एकजुट होना होगा."

हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "देश के विकास को उसके लोगों की आस्था और उनकी पहचान से जोड़ना... उपनिवेशवाद की मानसिकता का प्रतीक था."

मोदी ने कहा कि ये साबित करने की कोशिश की गई कि भारत की धीमी वृद्धि का कारण हिंदू संस्कृति है. उन्होंने कहा, "आज के बुद्धिजीवी जो हर चीज़ में सांप्रदायिकता ढूंढ़ते रहते हैं, उन्हें हिंदू विकास दर शब्द के इस्तेमाल में सांप्रदायिकता नज़र नहीं आई। ये शब्द उनके समय में किताबों और शोध पत्रों का हिस्सा बन गया था."

भारत को उच्च विकास और कम मुद्रास्फीति का एक मॉडल बताते हुए उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की 8.2 फीसदी की विकास दर दर्शाती है कि ये वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास चालक बन रहा है. मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है, भारत एक अलग ही श्रेणी में नज़र आ रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत में हो रहे बदलाव केवल संभावनाओं के बारे में नहीं हैं, बल्कि बदलती सोच और दिशा की गाथा हैं. मोदी ने कहा, "हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहाँ 21वीं सदी का एक-चौथाई हिस्सा बीत चुका है. दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं: वित्तीय संकट, वैश्विक महामारी, तकनीकी व्यवधान, दुनिया का बिखरना, हम युद्ध देख रहे हैं, ये परिस्थितियां किसी न किसी रूप में दुनिया के लिए चुनौती बन रही हैं."

उन्होंने कहा कि दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है, लेकिन भारत को एक अलग ही नज़रिए से देखा जा रहा है. मोदी ने कहा, "भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है. जब मंदी की बात होती है, तो भारत विकास की कहानी लिखता है. जब दुनिया में विश्वास की कमी होती है, तो भारत विश्वास का स्तंभ बन रहा है, जब दुनिया विखंडन की ओर बढ़ रही है, तो भारत एक सेतु निर्माता बन रहा है."